कोरबा में प्रेमी युगल की संदिग्ध मौत: पेड़ से लटकी मिली दोनों की लाश, सुसाइड से पहले शादी के संकेत


 

कोरबा, छत्तीसगढ़ — जिले के कटघोरा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। लखनपुर गांव से करीब एक किलोमीटर दूर खेत में बने मचान पर एक प्रेमी जोड़े की लाश पेड़ से लटकी हुई पाई गई। दोनों की उम्र क्रमशः 20 और 18 वर्ष बताई जा रही है। युवक की पहचान स्थानीय निवासी के रूप में हुई है, जबकि युवती करमंदी उरगा क्षेत्र की रहने वाली थी।

घटना मंगलवार सुबह तब उजागर हुई जब गांव वालों ने खेत की ओर जाते वक्त मचान पर दोनों के शव देखे। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू की।

थाना प्रभारी धर्मनारायण तिवारी के अनुसार, मृतकों के शरीर पर कोई बाहरी चोट का निशान नहीं मिला है। युवती के गले में मंगलसूत्र और माथे पर सिंदूर था, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि दोनों ने आत्महत्या से पहले विवाह किया था। मौके पर जली हुई लकड़ियाँ और राख भी मिली है, जिससे पुलिस को शक है कि दोनों ने शादी की रस्में निभाने के बाद यह आत्मघाती कदम उठाया।

परिवारों की अनभिज्ञता और संभावित सामाजिक दबाव

पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि युवक और युवती आपस में रिश्तेदार थे और दोनों सोमवार शाम से लापता थे। परिजनों को इस प्रेम संबंध की जानकारी थी लेकिन कथित तौर पर वे इससे सहमत नहीं थे। संभव है कि परिवारिक और सामाजिक दबाव के चलते दोनों ने यह कदम उठाया हो।

जिले में पहले भी सामने आई हैं ऐसी घटनाएं

कोरबा जिले में प्रेमी युगलों द्वारा आत्महत्या की यह पहली घटना नहीं है। हाल ही में इसी जिले में एक नवविवाहित प्रेमी जोड़े ने भी आत्महत्या कर ली थी। इन घटनाओं ने समाज में प्रेम, परंपरा और पारिवारिक स्वीकृति के टकराव को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

मामले की जांच जारी

फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। परिवारजनों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे की असल वजह सामने आ सके।

समाज के लिए चिंतन का विषय

इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आज भी युवाओं को अपनी पसंद से जीवनसाथी चुनने का हक समाज और परिवार उन्हें देने को तैयार नहीं है? और क्या प्यार करने की सजा मौत ही होनी चाहिए?

जांच पूरी होने तक यह स्पष्ट नहीं होगा कि यह सुसाइड था या इसके पीछे कोई और वजह छिपी है। लेकिन यह ज़रूर तय है कि समाज को आत्मचिंतन की ज़रूरत है।



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