राजनांदगांव, 18 जून — छत्तीसगढ़ न्याय व्यवस्था में तकनीकी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के क्रम में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने आज वर्चुअल माध्यम से राजनांदगांव जिला एवं सत्र न्यायालय में डिजिटाइजेशन एवं स्कैनिंग सेंटर का उद्घाटन किया।
यह सेंटर न्यायालय की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी, तेज और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस सेंटर के माध्यम से अब न्यायालय की सभी रिकॉर्ड फाइलें स्कैन की जाएंगी और उन्हें डिजिटल फॉर्मेट में संग्रहित किया जाएगा। इस डिजिटल व्यवस्था से यह सुनिश्चित होगा कि अपील या उच्च अदालतों में किसी भी मामले की सुनवाई के दौरान आवश्यक दस्तावेज तत्काल ऑनलाइन उपलब्ध हो सकें।
समय की बचत और प्रणाली में पारदर्शिता
डिजिटाइजेशन सेंटर की स्थापना से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि न्यायालयीन प्रक्रिया अधिक सरल और सुलभ बन सकेगी। कागजों की ढेरों फाइलों में खोजबीन करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं दोनों को सुविधा होगी।
19 जिलों में सुविधा चालू
छत्तीसगढ़ के कुल 19 जिलों में अब तक यह डिजिटल सुविधा शुरू की जा चुकी है। इस तकनीकी पहल को व्यापक रूप से अपनाते हुए राज्य सरकार और न्यायपालिका मिलकर न्याय व्यवस्था को डिजिटल युग की ओर अग्रसर कर रहे हैं।
उद्घाटन समारोह में प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद
राजनांदगांव में सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुषमा सावंत, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे और पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग भी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने इस नई पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे आम नागरिकों को न्याय तक पहुंचने में अधिक पारदर्शिता और त्वरित सेवा प्राप्त होगी।
अन्य जिलों में भी शुरू हुई सेवा
राजनांदगांव के साथ-साथ बालोद, कबीरधाम और मुंगेली जिलों में भी इस तरह के डिजिटाइजेशन एवं स्कैनिंग सेंटर की शुरुआत की गई है। अधिकारियों के अनुसार, आने वाले समय में सभी जिलों में इस व्यवस्था को और सशक्त किया जाएगा।