छत्तीसगढ़ कैबिनेट बैठक में 12 बड़े फैसले, स्टार्टअप नीति से लेकर पुलिस अफसरों की पदोन्नति तक मंजूरी


 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून सत्र से ठीक पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक हुई। इस बैठक में प्रदेश से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। कुल 12 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। इनमें राज्य पुलिस सेवा के 2005 से 2009 बैच के अफसरों को सीनियर सिलेक्शन ग्रेड-पे स्केल देने के लिए 30 पद स्वीकृत किए गए हैं। वहीं, पुरानी गाड़ियों के पसंदीदा नंबर अब नए या दूसरे राज्य के वाहनों में भी ट्रांसफर किए जा सकेंगे। शासकीय वाहनों को इस सुविधा के तहत शुल्क से छूट दी गई है।

छात्र स्टार्टअप नीति को मिली मंजूरी

बैठक में छात्र स्टार्टअप और नवाचार नीति को भी मंजूरी दी गई है। इसके तहत 100 शिक्षण संस्थानों में 50 हजार छात्रों तक पहुंच बनाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही 150 स्टार्टअप्स को सरकार से सहयोग मिलेगा। इस कदम से प्रदेश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

राजधानी क्षेत्र प्राधिकरण का गठन

राजधानी रायपुर, दुर्ग-भिलाई और नया रायपुर के समन्वित विकास के लिए 'राजधानी क्षेत्र प्राधिकरण' की स्थापना को भी हरी झंडी दी गई। इससे इन क्षेत्रों के इन्फ्रास्ट्रक्चर और शहरी विकास में तेजी आएगी।

अन्य अहम फैसले

  • वंचित वर्गों (ST, महिला, तृतीय लिंग) के लिए PanIIT के साथ संयुक्त गैर-लाभकारी कंपनी का गठन, जिसमें स्किल डेवलपमेंट, रोजगार और विदेशी भाषा प्रशिक्षण शामिल होगा।

  • छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025 को मंजूरी।

  • कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2025 को मंजूरी।

  • GST संशोधन विधेयक 2025 को मंजूरी, इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के नियम अधिक प्रभावी बनाए जाएंगे।

  • बकाया कर, ब्याज और पेनल्टी निपटान (संशोधन) विधेयक को मंजूरी, व्यापारियों को राहत मिलेगी।

  • भू-राजस्व संहिता संशोधन को मंजूरी, जिससे नक्शा बंटवारा, नामांतरण सरल होगा और अवैध प्लाटिंग पर रोक लगेगी।

  • कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय अधिनियम 2004 में संशोधन विधेयक को मंजूरी।

14 से 18 जुलाई तक मानसून सत्र

प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 14 जुलाई से शुरू होकर 18 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान पांच बैठकें होंगी। खाद संकट और बढ़ते अपराधों के मुद्दे पर विपक्ष आक्रामक रुख अपनाने की तैयारी में है। सत्ता पक्ष के भीतर भी तीखे तेवर देखने को मिल सकते हैं।

30 जून की बैठक में भी लिए गए थे बड़े फैसले

इससे पहले 30 जून को हुई कैबिनेट बैठक में भी सरकार ने कई अहम निर्णय लिए थे:

  • कृषक उन्नति योजना का विस्तार, अब धान के अलावा दलहन, तिलहन और मक्का के किसानों को भी आदान सहायता।

  • पेंशन फंड का गठन, जिससे पेंशन भुगतान की प्रक्रिया बेहतर होगी।

  • छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड की स्थापना, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत रहेगी।

  • लॉजिस्टिक पॉलिसी 2025 को मंजूरी, जिससे छत्तीसगढ़ लॉजिस्टिक हब बनेगा।

  • जन विश्वास विधेयक 2025 को मंजूरी, जिससे कुछ कानूनों को गैर-अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा।

  • रि-डेवलपमेंट योजना के तहत 7 शहरी इलाकों के जर्जर भवनों के पुनर्विकास की योजना मंजूर।

  • पदोन्नति नियमों में बदलाव कर एक बार के लिए न्यूनतम सेवा अवधि में छूट दी गई।

विकास और बदलाव की दिशा में बड़े कदम

राज्य सरकार के इन फैसलों से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ विकास, रोजगार और नवाचार को प्राथमिकता दे रहा है। वहीं, पुरानी योजनाओं का भी विस्तार कर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने का प्रयास जारी है।

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