फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़: डिजिटल अरेस्ट और सीबीआई अधिकारी बनकर महिला से 12.50 लाख की ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार


 

भिलाई, 28 अप्रैल 2025।
साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच भिलाई पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। इस कॉल सेंटर में आधुनिक कॉल कन्वर्टर मशीन और सॉफ्टवेयर की मदद से अपनी पहचान छिपाकर काम करने वाले शातिर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के कब्जे से 03 कॉल कन्वर्टर मशीन, 01 लैपटॉप, 105 सिम कार्ड और 05 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब भिलाई सेक्टर-07 निवासी श्रीमती शोभा झा ने थाना भिलाई नगर में रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि 1 जुलाई 2025 को उन्हें एक अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को सीबीआई और ‘काइम ब्रांच कोलावा’ का अधिकारी बताते हुए उन्हें डराया और कहा कि वह मनी लॉन्ड्रिंग और ठगी जैसे बड़े अपराधों में संलिप्त हैं।

कॉलर ने आईपीसी की धाराएं 198, 223 और 420 का हवाला देकर महिला को पांच दिनों तक मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और कहा कि उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ किया गया है। आरोपियों ने महिला को जेल भेजने की धमकी देते हुए उनसे कहा कि अगर वे निर्दोष हैं तो जांच पूरी होने तक 12.50 लाख रुपये जमा करें। घबराई महिला ने अपने गहनों को मुथूट फाइनेंस में गिरवी रखकर और अपनी पेंशन की राशि मिलाकर इस रकम को अलग-अलग बैंक खातों में RTGS के माध्यम से ट्रांसफर कर दिया।

महिला को ठगों ने यह भरोसा दिलाया कि जांच पूरी होने पर पूरा पैसा वापस कर दिया जाएगा। जब लंबे समय तक कोई जवाब नहीं आया, तो उन्हें शक हुआ और उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष साइबर टीम का गठन किया गया। टीम ने तकनीकी विश्लेषण के आधार पर मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जांच शुरू की।

जांच में सामने आया कि इन सीम कार्डों की फर्जी तरीके से बिक्री फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) में की गई थी। इसके बाद सीम को अनस खान नामक आरोपी ने एकत्रित कर मोहम्मद फैजल उर्फ शाहबाज को सौंपा। फैजल ने फतेहपुर में किराये पर मकान लेकर एक फर्जी कॉल सेंटर स्थापित किया था। वहां पर कॉल कन्वर्टर मशीन और विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए एक समय में 90 से 100 सीम का उपयोग कर फर्जी कॉल किए जाते थे।

आधुनिक तकनीक का उपयोग कर आरोपी अपनी पहचान छिपाने में सक्षम थे, जिससे जांच बेहद जटिल हो गई थी। लेकिन साइबर विशेषज्ञों की मेहनत रंग लाई और आरोपियों की पहचान कर ली गई। भिलाई नगर थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए घेराबंदी कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस टीम ने आरोपियों के पास से कुल 03 कॉल कन्वर्टर मशीन, 01 लैपटॉप, 105 सीम कार्ड और 05 मोबाइल फोन जब्त किए। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मोहम्मद फैजल अहमद (निवासी मवाना, मेरठ, उत्तर प्रदेश) और अनस खान (निवासी सिविल लाइन्स, फतेहपुर, उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है।

इस कार्रवाई में थाना नेवई से उप निरीक्षक सुरेन्द्र तारम, एसीसीयू से प्रधान आरक्षक मेघराज चेलक, आरक्षक जावेद हुसैन, जुगनू सिंह और थाना भिलाई नगर से पोषण चंद्राकर की सराहनीय भूमिका रही।

भिलाई पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल या व्यक्ति से बैंक डिटेल या पैसे संबंधित जानकारी साझा न करें। कोई भी सरकारी एजेंसी या जांच संस्था फोन पर गिरफ्तारी या पैसों की मांग नहीं करती है।

पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और कॉल सेंटर से जुड़े बैंक खातों और ट्रांजेक्शन की गहनता से जांच की जा रही है।

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