छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के कुम्हारी थाना क्षेत्र में शनिवार को मानवता और बहादुरी की मिसाल पेश करने वाले राकेश बंजारे की लाश रविवार दोपहर बरामद कर ली गई। 35 वर्षीय राकेश ने बाढ़ के पानी में फंसे लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी थी, लेकिन खुद तेज धार की चपेट में आकर लापता हो गया था।
यह घटना 26 जुलाई की सुबह करीब 11 बजे रामपुर चोरहा नाले की है, जो भारी बारिश के चलते उफान पर आ गया था। तीन लोग नाले के बीच फंस गए थे। मौके पर मौजूद पेंटर राकेश बंजारे ने बिना कुछ सोचे-समझे छलांग लगा दी और दो लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में कामयाब भी रहा। लेकिन तीसरे को बचाने की कोशिश में वह खुद तेज बहाव में बह गया।
सूचना मिलते ही SDRF और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। रातभर जारी रही खोजबीन के बाद रविवार दोपहर राकेश का शव घटनास्थल से कुछ दूरी पर मिला। SDRF अधिकारियों के मुताबिक, पानी का बहाव बहुत तेज था और अंधेरा होने के कारण बचाव कार्य में काफी कठिनाइयां आईं। सुबह जब धार कुछ कम हुई, तब जाकर सफलता मिली।
राकेश बंजारे अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। वह पेशे से पेंटर था और उसके दो छोटे बच्चे हैं। उसकी मौत से पूरे इलाके में शोक की लहर है। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
राकेश की यह बहादुरी अब इलाके में मिसाल बन गई है। स्थानीय लोग उन्हें 'मसीहा' कहकर याद कर रहे हैं, जिन्होंने दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए अपनी कुर्बानी दी।