रायपुर, 27 जुलाई 2025 — सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग के गंभीर मामलों में फरार चल रहे हिस्ट्रीशीटर रोहित सिंह तोमर और वीरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ रायपुर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। भाठागांव इलाके में अवैध रूप से बने इनके ऑफिस पर नगर निगम ने रविवार सुबह बुलडोजर चला दिया। यह कार्यालय भावना तोमर के नाम पर पंजीकृत था, जो रोहित सिंह तोमर की पत्नी है और पहले ही पुलिस की गिरफ्त में आ चुकी है।
नगर निगम की यह कार्रवाई निर्माण नियमों के उल्लंघन के तहत की गई, लेकिन इससे बड़ा संकेत अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख का था। डिप्टी सीएम अरुण साव और गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा कि कानून से बड़ा कोई नहीं है, चाहे उसके रसूख कितने भी ऊंचे क्यों न हों।
भावना तोमर की गिरफ्तारी से खुला सूदखोरी का जाल
करीब 10 दिन पहले भावना तोमर को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। भावना शुभकामना वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी की संचालिका थी और वह जमीन की खरीद-फरोख्त में भी संलिप्त थी। पुलिस की जांच में सामने आया कि उसने एक व्यक्ति को 3 लाख रुपए उधार देकर उसकी 15 लाख की जगुआर कार गिरवी रखी थी। ब्याज सहित 5 लाख वसूलने के बावजूद, वह 10 लाख की और मांग कर रही थी।
इस मामले में पुलिस ने कार समेत अन्य दस्तावेज भी जब्त किए हैं। जांच में यह भी सामने आया कि कार तोमर परिवार की नहीं थी, बल्कि भिलाई निवासी मनोज कुमार वर्मा की थी, जिसने वर्षों पहले 3 लाख का कर्ज लिया था।
तोमर बंधु: सूदखोरी और डर का कारोबार
रोहित और वीरेंद्र तोमर पर सूदखोरी, अवैध वसूली, धमकी और ब्लैकमेलिंग जैसे छह से अधिक गंभीर केस दर्ज हैं। दोनों भाई पिछले दो महीने से फरार हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई राज्यों में टीमें भेजी हैं और अब फरार घोषित कर उद्घोषणा भी जारी की जा चुकी है।
तोमर बंधुओं ने कई लोगों को बेहिसाब ब्याज के नाम पर लूटा। नारायणपुर के एक पीड़ित ने बताया कि उसने 10 लाख का कर्ज लिया था, लेकिन अब तक 1 करोड़ 10 लाख रुपए चुका चुका है। इसके बावजूद आरोपी और उसका गिरोह उसे लगातार धमका रहा था।
कानून का शिकंजा कसता जा रहा है
गृह मंत्री विजय शर्मा ने सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि केवल बड़े लोगों के साथ तस्वीरें खिंचवाने से कोई कानून से ऊपर नहीं हो जाता। डिप्टी सीएम अरुण साव ने बुलडोजर कार्रवाई पर कहा, "हम पहले भी अपराधियों के खिलाफ थे, आज भी हैं।"
रोहित तोमर को "गोल्डन मैन" के नाम से जाना जाता था और वह अक्सर सामाजिक कार्यक्रमों में दिखाई देता था, जिससे उसका रसूख बना रहे। लेकिन अब जब प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू किया है, तब पीड़ित सामने आकर थानों में शिकायतें दर्ज करा रहे हैं।
निगरानी बदमाश की सूची में नाम
रोहित सिंह तोमर को निगरानी गुंडा घोषित किया जा चुका है। उसके खिलाफ राजेंद्र नगर, तेलीबांधा, पुरानी बस्ती, कोतवाली और गुढ़ियारी थानों में 9 से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस को उम्मीद है कि भावना तोमर की गिरफ्तारी और लगातार दबाव के चलते दोनों भाइयों की गिरफ्तारी जल्द होगी।