छत्तीसगढ़।
राजनांदगांव जिले के मोहला क्षेत्र में एक अनोखा मामला सामने आया, जहां स्पंदना माइक्रोफाइनेंस बैंक में कार्यरत फील्ड ऑफिसर चंद्रभान निर्मलकर की गुमशुदगी के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने उसे ढूंढ निकालने में सफलता पाई। यह कार्य मोहला पुलिस द्वारा तत्परता और सजगता के साथ किया गया, जिसकी चारों ओर प्रशंसा हो रही है।
चंद्रभान निर्मलकर डोंगरगांव के सेवता पारा का निवासी है और बैंक में कार्यरत रहते हुए मोहला क्षेत्र में ग्राहकों से लोन की किश्तों की वसूली करता था। 29 जुलाई को जब वह ड्यूटी पर नहीं लौटा और उसका मोबाइल भी बंद हो गया, तब बैंक प्रबंधन को उसकी गुमशुदगी की चिंता सताने लगी। बैंक के मैनेजर सूर्यकांत सोनी ने स्थानीय पुलिस थाना मोहला में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई।
इंटरनेट मीडिया बनी पुलिस के लिए मददगार
गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के तुरंत बाद मोहला थाना प्रभारी व जांच अधिकारी सहायक उप निरीक्षक गुणेश निषाद ने सक्रियता दिखाई और युवक की तलाश शुरू की। पुलिस ने चंद्रभान की तस्वीर सोशल मीडिया और इंटरनेट मीडिया के माध्यम से वायरल करवाई, जिससे पूरे इलाके में जानकारी फैली।
इस दौरान एक अहम सुराग सामने आया। राजनांदगांव जिले के ग्राम इंदामरा क्षेत्र के एक व्यक्ति ने वायरल फोटो देखकर पुलिस को सूचना दी कि युवक को उन्होंने एबिस फैक्ट्री के पास देखा है। सूचना पाकर पुलिस तुरंत वहां पहुंची और चंद्रभान को सकुशल बरामद कर लिया।
रकम खर्च कर लापता हुआ था युवक
पुलिस पूछताछ में चंद्रभान ने जो कबूलनामा दिया, वह चौंकाने वाला था। उसने बताया कि हाल ही में उसने बैंक के छह ग्राहकों से वसूली कर कुल ₹1,76,000 की राशि इकट्ठा की थी, जो उसे बैंक में जमा करनी थी। लेकिन उसने यह रकम बैंक में जमा करने की बजाय निजी जरूरतों और कार्यों में खर्च कर दी। जब रकम लौटाने का कोई रास्ता नजर नहीं आया तो वह मानसिक दबाव में आकर मोहला छोड़कर चला गया।
युवक ने बताया कि उसकी मंशा भागने की नहीं थी, बल्कि वह कुछ समय लेकर रकम का इंतजाम करना चाहता था। हालांकि उसकी यह हरकत गैरकानूनी है और बैंक की कार्यप्रणाली के खिलाफ भी।
बैंक ने दी अंतिम चेतावनी
इस मामले को लेकर स्पंदना माइक्रोफाइनेंस बैंक के मैनेजर सूर्यकांत सोनी ने स्पष्ट किया कि चंद्रभान को 1 अगस्त तक की मोहलत दी गई है कि वह संपूर्ण राशि बैंक को वापस लौटाए। यदि तय समय सीमा में वह रकम नहीं लौटाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और पुलिस में एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।
पुलिस की तत्परता से बढ़ा विश्वास
मोहला पुलिस की इस कार्रवाई ने क्षेत्र में पुलिस प्रशासन पर लोगों का विश्वास और मजबूत किया है। एक दिन के भीतर लापता युवक को खोज निकालना और उसके द्वारा गबन की गई राशि का सच सामने लाना पुलिस की दक्षता और तत्परता को दर्शाता है।
जांच अधिकारी गुणेश निषाद ने बताया कि यदि पुलिस को इंटरनेट मीडिया से सुराग नहीं मिलता, तो युवक की तलाश में समय लग सकता था। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सामाजिक मीडिया आज अपराधों की जांच और गुमशुदगी के मामलों में पुलिस की एक बड़ी सहयोगी बनकर उभरी है।