रायपुर रेलवे मंडल में ट्रेनों से हर महीने लाखों के कंबल, चादर व तौलिए चोरी, अटेंडेंट्स की सैलरी पर आफत


रायपुर | रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए एसी कोचों में दिए जाने वाले कंबल, चादर, तकिए के कवर और फेस टॉवल पर चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। रायपुर रेलवे मंडल की ट्रेनों में हर महीने औसतन तीन लाख रुपए का सामान चोरी हो रहा है। पिछले तीन सालों में 72 लाख 89 हजार से अधिक रुपए के कंबल, चादर और अन्य सामग्रियों की चोरी हो चुकी है।

इस चोरी का सीधा असर कोच अटेंडेंट्स की जेब पर पड़ रहा है। रेलवे की ठेका एजेंसी द्वारा कोच अटेंडेंट्स की सैलरी से चोरी की भरपाई की जा रही है। अटेंडेंट्स का कहना है कि इस कटौती के चलते उनकी सैलरी का बड़ा हिस्सा हर महीने कट जाता है। नतीजतन कई अटेंडेंट्स ने यात्रियों को फेस टॉवेल देना ही बंद कर दिया है।

अटेंडेंट्स पर डबल मार, चोरी का नुकसान भी और यात्रियों की शिकायत पर फाइन भी

रेलवे के नियमों के अनुसार, ट्रेन छूटने से पहले एजेंसी कंबल, बेडशीट, तकिया और टॉवेल की गिनती कर कोच अटेंडेंट्स के हवाले करती है। वापसी में इन्हें फिर से गिनकर लौटाना होता है। यदि सामान कम निकलता है तो इसका जुर्माना अटेंडेंट्स की तनख्वाह से वसूला जाता है।

एक अटेंडेंट ने बताया कि उनकी सैलरी करीब 20 हजार रुपए है, लेकिन हर महीने चोरी की वजह से 8 से 10 हजार रुपए तक कट जाते हैं। एक बेडशीट के लिए 120, फेस टॉवेल के लिए 45 और पिलो कवर के लिए 35 रुपए वसूले जाते हैं। कई बार तो सैलरी का आधा हिस्सा भी हाथ नहीं आता।

अटेंडेंट्स का दर्द यहीं खत्म नहीं होता। यदि कोई यात्री यह शिकायत कर दे कि उसे बेडशीट या कंबल नहीं मिला, तो अटेंडेंट्स पर 2000 रुपए का फाइन लगाया जाता है और एक सप्ताह तक ड्यूटी से भी हटा दिया जाता है। उस अवधि की सैलरी भी रोक दी जाती है।

अधिकारियों का दावा, नए नियम से रोक लगेगी चोरी पर

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि अब ट्रेनों में अटेंडेंट्स को यह निर्देश दिया गया है कि ट्रेन अपने गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने से 15 मिनट पहले सभी सामान इकट्ठा कर लें। गिनती के बाद सारा सामान व्यवस्थित कर कोच में ही रख दिया जाए ताकि चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।

2023 में सबसे ज्यादा चोरी, 2024 में भी हाल बुरा

रायपुर मंडल से चलने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों में चोरी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। साल 2023 में लगभग 39 लाख रुपए के सामान चोरी हुए। वहीं, 2024 के शुरुआती महीनों में ही 30 लाख रुपए से अधिक के सामान चोरी हो चुके हैं।

रेलवे का कहना है कि जल्द ही सख्त निगरानी और तकनीकी उपायों से इस पर रोक लगाने की कोशिश की जाएगी। वहीं, अटेंडेंट्स मांग कर रहे हैं कि उनकी सैलरी से पेनाल्टी वसूली की व्यवस्था खत्म की जाए, क्योंकि इसका मुख्य जिम्मेदार वे नहीं, बल्कि चोरी करने वाले यात्री हैं।

यात्रियों से अपील - कंबल-चादर न ले जाएं, नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई

रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे कंबल, चादर, तौलिए जैसे सामान घर न ले जाएं। यह सुविधा सिर्फ यात्रा के दौरान दी जाती है। यदि चोरी करते पकड़े गए तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में इन यात्रियों को एसी कोच में सफर करने से भी प्रतिबंधित किया जा सकता है।

फिलहाल अटेंडेंट्स परेशान, बोले- ‘हम तो दोहरी सजा भुगत रहे’

अटेंडेंट्स की मानें तो इस समस्या से उनकी आर्थिक हालत बेहद खराब हो चुकी है। एक अटेंडेंट ने कहा, ‘‘सैलरी तो मिलती ही कम है, ऊपर से हर महीने हजारों रुपए कट जाते हैं। नौकरी भी जोखिम में है। यात्री चोरी करते हैं, पर हम भुगतते हैं।’’

रेलवे प्रशासन अब इस गंभीर समस्या के स्थायी समाधान की राह तलाश रहा है, लेकिन जब तक यात्री खुद जिम्मेदारी नहीं समझेंगे, तब तक यह चोरी बंद होना मुश्किल नजर आ रहा है।

Post a Comment

Previous Post Next Post