पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में इस साल एमबीबीएस फर्स्ट ईयर में दाखिला लेने वाले 200 छात्रों के लिए रहने की समस्या गंभीर होती जा रही है। कॉलेज प्रशासन छात्रों के लिए सर्वसुविधायुक्त मकान की तलाश कर रहा है। दरअसल, कॉलेज परिसर में पहले से बने हॉस्टल में केवल 80 छात्रों के रहने की ही व्यवस्था है, जबकि यहां हजार से अधिक छात्रों को रहने की सुविधा की आवश्यकता है। यही कारण है कि नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ ही हॉस्टल संकट सामने आ गया है।
कॉलेज प्रबंधन ने बुधवार को एक सूचना जारी कर मकान मालिकों से 1 सितंबर तक प्रस्ताव मांगे हैं। इसमें साफ किया गया है कि मकान में छात्रों के लिए पर्याप्त कमरे, कॉमन स्टडी रूम, विजिटर रूम और वाहनों की पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए। साथ ही 5 छात्रों पर 1 बाथरूम-टॉयलेट, प्रत्येक कमरे में पंखा और 50 छात्रों के लिए विजिटर रूम जैसी व्यवस्थाएं अनिवार्य बताई गई हैं। मकान के आसपास बस आने-जाने के लिए सड़क की चौड़ाई भी पर्याप्त होनी चाहिए।
पहले भी बने थे कई प्रस्ताव, अधूरे रह गए
छात्रों के लिए हॉस्टल बनाने का प्रस्ताव पिछले सालों में कई बार सामने आया, लेकिन हर बार योजना अधूरी ही रह गई। जून में विधायक विश्राम गृह का निरीक्षण कर उसे हॉस्टल में बदलने की योजना बनी थी, लेकिन शासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। यह स्थान कॉलेज से लगभग 8 किमी दूर था। इसी तरह, पुराने स्वास्थ्य संचालनालय को भी हॉस्टल में बदलने का विचार था, लेकिन यहां तहसील कार्यालय शिफ्ट कर दिया गया।
नवा रायपुर में शिफ्ट हुए डीएमई कार्यालय और आयुष्मान भारत योजना के नोडल एजेंसी कार्यालय में करीब 20 बड़े कमरे मौजूद थे। छात्रों को वहां रखने की योजना भी बनाई गई थी, लेकिन यह भी क्रियान्वयन के अभाव में अधूरी रह गई।
छात्रों की बढ़ती परेशानी
कॉलेज में वर्तमान में फर्स्ट ईयर के अलावा सेकंड, थर्ड और फोर्थ ईयर के छात्र भी पढ़ाई कर रहे हैं। कुल मिलाकर करीब 1,000 से ज्यादा छात्र ऐसे हैं जो हॉस्टल का इंतजार कर रहे हैं। जगह न होने की वजह से छात्रों को कॉलेज के आसपास किराए के मकानों में रहना पड़ रहा है। यहां उन्हें प्रति माह 5 से 8 हजार रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है। यह बोझ छात्रों और उनके अभिभावकों पर अतिरिक्त दबाव डाल रहा है।
छात्रों के लिए जरूरी सुविधाओं पर जोर
कॉलेज प्रशासन ने प्रस्ताव में स्पष्ट किया है कि छात्रों को रहने के लिए मकान में सभी आवश्यक सुविधाएं होनी चाहिए। बिजली-पंखा, दरवाजा और खिड़की जैसे उपकरण खराब होने पर 24 घंटे में मरम्मत या बदलाव की व्यवस्था अनिवार्य रखी गई है। साथ ही स्टडी रूम और कॉमन रूम का होना भी आवश्यक शर्त में जोड़ा गया है।
शासन को भेजा गया स्थायी हॉस्टल निर्माण का प्रस्ताव
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि फिलहाल फर्स्ट ईयर के छात्रों के लिए ही अस्थायी समाधान तलाशा जा रहा है। लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए शासन को कैंपस में स्थायी हॉस्टल निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है। यदि किराए का मकान कॉलेज से दूर हुआ तो छात्रों के लिए बस सेवा की भी व्यवस्था की जाएगी।
कॉलेज प्रशासन ने भरोसा जताया है कि छात्रों को बेहतर माहौल और सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, जब तक स्थायी हॉस्टल का निर्माण नहीं होता, तब तक छात्रों को अस्थायी किराए के मकानों में ही रहना होगा।