दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड सामने आया है, जहां डिजिटल गिरफ्तारी (Digital Arrest) का भय दिखाकर एक बुजुर्ग महिला से 22 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। आरोपी ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर महिला को झांसे में लिया और हवाला के पैसे का आरोप लगाकर डराया। पुलिस ने इस गंभीर मामले में कार्रवाई करते हुए राजस्थान के अजमेर से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।
डर और धोखे की कहानी
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रार्थिया सुभाषिनी जैम्स ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 2 जुलाई 2025 को दोपहर 3.30 बजे उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाला व्यक्ति खुद को एक पुलिस अधिकारी बता रहा था। उसने दावा किया कि महिला के खाते में हवाला के छह करोड़ 80 लाख रुपये ट्रांसफर हुए हैं और इसके चलते उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आरोपी ने महिला को बताया कि उन्हें जांच के लिए मुंबई आना होगा। इस बात से घबराकर पीड़िता ने कहा कि वह मुंबई नहीं जा सकतीं।
डर का फायदा उठाकर 22 लाख की ठगी
इस डर का फायदा उठाकर आरोपी ने महिला को सहायता का भरोसा दिलाया और उन्हें धीरे-धीरे अपने झांसे में ले लिया। पीड़िता ने एक दिन पहले यानी 1 जुलाई 2025 को इंडसइंड बैंक के खाता संख्या 100272165329 में आरटीजीएस के माध्यम से कुल 22 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। ट्रांसफर के बाद भी आरोपी लगातार महिला से पैसे की मांग करता रहा। जब यह सिलसिला बंद नहीं हुआ, तब पीड़िता ने अपनी बहन के बेटे प्रतुल दास को इसकी जानकारी दी। जांच में सामने आया कि महिला के साथ बड़ी ठगी हो चुकी है।
साइबर सेल की तत्परता से आरोपी पकड़ा गया
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने साइबर सेल भिलाई की सहायता ली और आरोपी के मोबाइल नंबर 9679722769 की लोकेशन और अन्य जानकारियों का विश्लेषण किया। आरोपी की पहचान अजमेर (राजस्थान) स्थित झंझालिया चौक, पिशनगंज निवासी आकाश कुमावत के रूप में हुई।
टीम पहुंची भीलवाड़ा, आरोपी गिरफ्तार
खुर्सीपार थाना पुलिस की एक टीम तत्काल भीलवाड़ा (राजस्थान) रवाना हुई और वहां से आरोपी आकाश कुमावत को गिरफ्तार कर पद्मनाभपुर थाना लाया गया। पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने यह अपराध किया है। उसने बताया कि इंडसइंड बैंक में फर्जी खाता खुलवाया था और सिम कार्ड भी फर्जी तरीके से लिया गया था, जिसे उसने अपने साथियों आकाश और राहुल को दिया था।
मोबाइल और सिम जब्त, कोरे चेक से लेन-देन
पुलिस के अनुसार आरोपी ने महिला से प्राप्त राशि को अपने फर्जी खाते में ट्रांसफर कराया था। साथ ही, उसने कोरे चेक में हस्ताक्षर भी करवा लिए थे, जिसका उपयोग 22 लाख रुपये के लेन-देन में किया गया। पुलिस ने आरोपी के पास से उपयोग किए गए मोबाइल फोन और सिम कार्ड जब्त कर लिए हैं।
जांच जारी, अन्य आरोपी भी घेरे में
पुलिस अब आरोपी आकाश कुमावत के साथियों की तलाश कर रही है, जिसमें आकाश और राहुल नामक व्यक्ति शामिल हैं। इस तरह की ठगी की घटनाओं में संलिप्त अन्य आरोपियों की भी पहचान की जा रही है। यह घटना एक बार फिर से यह दर्शाती है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर अपराधी किस प्रकार मासूम और बुजुर्ग लोगों को निशाना बना रहे हैं।
पुलिस की अपील
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अज्ञात कॉल पर विश्वास न करें, चाहे वह खुद को कोई अधिकारी ही क्यों न बताए। बैंक डिटेल, ओटीपी, या किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और किसी भी भय या दबाव में आकर पैसे ट्रांसफर न करें। किसी भी संदेहजनक कॉल की तुरंत नजदीकी थाने में सूचना दें।