छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में त्योहारी सीजन के पहले खाद्य सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर गोपाल वर्मा के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने जिलेभर में मिठाई दुकानों, रेस्टोरेंट्स, और स्ट्रीट फूड बेचने वाले वेंडरों के यहां तीन दिन तक सघन निरीक्षण किया। यह कार्रवाई कवर्धा के साथ-साथ सहसपुर लोहरा, पंडरिया और बोडला ब्लॉकों में भी की गई।
इस जांच अभियान के दौरान अधिकारियों ने कुल 80 खाद्य सामग्रियों की जांच की और 33 सैंपलों को परीक्षण के लिए राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद जिन प्रतिष्ठानों द्वारा असुरक्षित या मानकहीन खाद्य सामग्री पाई जाएगी, उनके खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 तथा नियम 2011 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
व्यापारियों को दिए गए दिशा-निर्देश
जांच के दौरान अधिकारियों ने व्यापारियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्हें कहा गया कि खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता में कोई समझौता न करें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। मिठाई निर्माण और विक्रय के दौरान स्वच्छता के मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। व्यापारियों को यह भी कहा गया कि सभी खाद्य पदार्थों पर निर्माण और समाप्ति तिथि अंकित करें, जिससे उपभोक्ताओं को सुरक्षित उत्पाद मिल सकें।
इसके अलावा, बिना लाइसेंस या पंजीयन के खाद्य व्यापार न करने की सख्त हिदायत दी गई है। खाद्य निर्माण व विक्रय करने वालों को हैण्ड ग्लव्स और सिर ढकने के लिए कैप का प्रयोग अनिवार्य रूप से करने को कहा गया है।
अखबारी कागज के प्रयोग पर रोक
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने विशेष रूप से यह हिदायत दी कि खाद्य वस्तुओं की पैकिंग में अखबारी कागज का इस्तेमाल न किया जाए। अखबार में प्रयुक्त रसायन और स्याही स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं, जो भोजन में मिलकर गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकते हैं। इसीलिए, सभी खाद्य विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रकार के हानिकारक पैकिंग सामग्री से परहेज करें।
आम नागरिकों से अपील
विभाग ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे खाने-पीने की वस्तुओं की खरीददारी के समय सावधानी बरतें। यदि किसी दुकानदार द्वारा अखबारी कागज का उपयोग करते देखा जाए, तो उसे इसके नुकसान के बारे में जानकारी दें और ऐसा न करने की सलाह दें। इस प्रकार की जागरूकता से न केवल खुद की सुरक्षा होगी बल्कि समाज में सुरक्षित खाद्य संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।
रिपोर्ट के बाद होगी निर्णायक कार्रवाई
राज्य प्रयोगशाला से रिपोर्ट प्राप्त होते ही जिला प्रशासन संबंधित दुकानों या निर्माण इकाइयों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करेगा। जिन नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है, उनमें मिठाइयां, तेल, मसाले, स्नैक्स और अन्य खाद्य सामग्रियां शामिल हैं। प्रशासन इस अभियान के जरिए यह सुनिश्चित करना चाहता है कि त्योहारी मौसम में लोग शुद्ध, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री का ही उपभोग करें।