बिलासपुर: स्कूल में पुरानी रंजिश के चलते छात्र पर चाकू से हमला, पुलिस जांच में जुटी


 

बिलासपुर शहर के तारबाहर क्षेत्र स्थित एक निजी स्कूल में मंगलवार को आपसी रंजिश का मामला हिंसा में बदल गया। यहां 11वीं कक्षा के छात्र पर उसके ही कुछ साथियों ने हमला कर दिया। विवाद इतना बढ़ा कि आरोपियों ने चाकू का इस्तेमाल कर छात्र को घायल कर दिया। घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने तुरंत घायल छात्रों का उपचार कराया और परिजनों को सूचना दी। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है।


जानकारी के अनुसार, तारबाहर क्षेत्र निवासी आवेश मिर्जा भारतमाता स्कूल में कक्षा 11 का छात्र है। मंगलवार को सामान्य रूप से वह अपनी पढ़ाई में व्यस्त था। इसी दौरान उसका एक मित्र उसे अपनी कक्षा में बुलाने आया। जब आवेश स्कूल की पहली मंजिल पर स्थित उस कक्षा की ओर गया तो वहां बाहर 6 से 8 छात्र पहले से मौजूद थे। बताया जाता है कि इन छात्रों का आवेश के साथ पूर्व में विवाद हो चुका था। इसी रंजिश के चलते उन्होंने उसे घेर लिया और गाली-गलौज शुरू कर दी।


आवेश ने विरोध किया तो मामला और बिगड़ गया। देखते ही देखते छात्रों ने मिलकर उसकी पिटाई कर दी। इसी दौरान एक आरोपी ने चाकू से उस पर वार कर दिया। अचानक हुए इस हमले से स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद अन्य विद्यार्थियों और स्टाफ ने तुरंत बीच-बचाव किया और घायल छात्र को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।


हमले में आवेश और उसका दोस्त दोनों घायल हो गए। स्कूल प्रबंधन ने दोनों को नजदीकी अस्पताल ले जाकर इलाज की व्यवस्था की। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल परिजनों को सूचित किया गया। परिजनों ने स्कूल पहुंचकर स्थिति की जानकारी ली और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।


सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। तारबाहर थाना पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और स्कूल स्टाफ व गवाहों से पूछताछ की। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के लिए तलाश शुरू कर दी गई है। चूंकि मामला नाबालिग छात्रों से जुड़ा है, इसलिए जांच में विशेष सावधानी बरती जा रही है।


इस घटना ने स्कूल सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावकों का कहना है कि अगर स्कूल परिसर में छात्र हथियार लेकर घूम रहे हैं तो यह बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने मांग की है कि स्कूल प्रशासन निगरानी को और कड़ा करे ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो।


शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों ने भी मामले पर संज्ञान लिया है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल स्कूल की छवि खराब करती हैं, बल्कि बच्चों के मानसिक विकास पर भी नकारात्मक असर डालती हैं। विभाग ने स्कूल प्रबंधन को छात्रों पर विशेष ध्यान देने और आपसी विवादों को समय रहते सुलझाने की सलाह दी है।


मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि इस उम्र में छात्र अक्सर गुस्से और अहंकार में गलत कदम उठा लेते हैं। यदि परिवार और शिक्षक समय पर मार्गदर्शन न दें तो छोटी-सी कहासुनी बड़ी घटना में बदल सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को तनाव प्रबंधन और सकारात्मक संवाद की शिक्षा देना बेहद जरूरी है।


फिलहाल पुलिस ने मामले में अपराध दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। उम्मीद है कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा और कानूनन कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद से क्षेत्र में चर्चा का माहौल है और लोग बच्चों के सुरक्षित माहौल को लेकर चिंतित हैं।

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