रायपुर नगर निगम ने शहर की सफाई व्यवस्था को सख्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। शहर में गंदगी फैलाने वालों पर अब सीधे ई-चालान भेजा जा रहा है। यह चालान उन लोगों को दिया जा रहा है जो खुले में कचरा फेंकते हैं, सड़क पर मलबा फैलाते हैं, बिना ग्रीन नेट के निर्माण कार्य करते हैं, सूखा और गीला कचरा अलग नहीं करते, या खुले में शौच जैसी हरकतें करते हैं।
ई-चालान की प्रक्रिया और इसकी शुरुआत
नगर निगम ने जुलाई के अंतिम सप्ताह से यह अभियान शुरू किया है। अब तक 1861 लोगों को ई-नोटिस भेजा जा चुका है, जिन पर कुल मिलाकर 22.23 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इन मामलों में 327 लोगों ने अभी तक जुर्माना नहीं भरा है। नगर निगम ने चेतावनी दी है कि यदि जुर्माना नहीं चुकाया गया, तो उसे सीधे संपत्ति कर में जोड़ दिया जाएगा और टैक्स भरते समय उसका भुगतान करना अनिवार्य होगा।
मोबाइल एप के माध्यम से कार्रवाई
नगर निगम ने एक विशेष मोबाइल एप तैयार किया है, जिसकी मदद से निगम के कर्मचारी नियमों का उल्लंघन करने वालों की फोटो लेकर उसे पोर्टल पर अपलोड करते हैं। एप स्वतः ही यह तय कर देता है कि किस नियम का उल्लंघन हुआ है और उस पर कितना जुर्माना बनता है। इससे प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है और कर्मचारियों की मनमानी या सेटिंग की संभावना समाप्त हो गई है।
किन मामलों में ई-चालान जारी हो रहा?
ई-चालान निम्नलिखित मामलों में भेजा जा रहा है:
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मकान के सामने कचरा या मलबा फैलाने पर
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गीला और सूखा कचरा अलग नहीं करने पर
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सड़क पर निर्माण सामग्री रखने पर
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ग्रीन नेट के बिना कंस्ट्रक्शन करने पर
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खुले में शौच करने पर
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मेडिकल वेस्ट को सही तरीके से डिस्पोज न करने पर
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शादी, समारोह या स्ट्रीट फूड ठेलों द्वारा गंदगी फैलाने पर
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रेस्टोरेंट, होटल, ढाबों द्वारा कचरा खुले में फेंकने पर
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बाजारों में दुकानदारों द्वारा कचरा सड़क पर फेंकने पर
नगर निगम का दावा है कि यह रायपुर को साफ-सुथरा और नियमों के प्रति जिम्मेदार बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
अगर गलती किसी और की है, तो क्या?
यदि कोई व्यक्ति या पशु किसी दूसरे के घर के सामने कचरा फैला देता है और उसके कारण ई-चालान जारी हो जाता है, तो घर का मालिक आपत्ति दर्ज कर सकता है। यदि आपत्ति सही पाई जाती है, तो 24 घंटे के भीतर चालान को रद्द कर दिया जाएगा।
एसएमएस से मिलेगी सूचना
ई-चालान की जानकारी लोगों को उनके मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से भेजी जा रही है। इससे लोग सतर्क हो रहे हैं और स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी भी बढ़ रही है। नगर निगम का यह डिजिटल तरीका न केवल स्वच्छता अभियान को मजबूती दे रहा है, बल्कि शहर में नियमों के उल्लंघन को भी कम कर रहा है।