नवा रायपुर में अवैध मुरूम खनन का भंडाफोड़: करोड़ों की जमीन को खोदकर निकाला जा रहा था खनिज, पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई


 

नवा रायपुर में अवैध मुरूम खनन का बड़ा मामला सामने आया है। यह खनन मंदिर हसौद थाना क्षेत्र में सत्य साईं अस्पताल के पीछे स्थित सरकारी जमीन पर हो रहा था। गुरुवार 7 अगस्त की रात को पुलिस ने इस अवैध गतिविधि पर छापा मारा और मौके से भारी मात्रा में मशीनरी और वाहन जब्त किए। इस दौरान कई ड्राइवर मौके से भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस की घेराबंदी में कुछ को पकड़ भी लिया गया।

सूत्रों के अनुसार, यह जमीन नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (NRDA) के अधिकार क्षेत्र में आती है, जहां करोड़ों की कीमत वाली भूमि को गहराई तक खोदकर मुरूम निकाला जा रहा था। लगातार इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया था। पुलिस को पहले से ही इस खनन के संबंध में पुख्ता जानकारी थी, जिसके आधार पर योजना बनाकर कार्रवाई की गई।

इस रेड में मंदिर हसौद थाने की टीम के साथ-साथ NRDA के डिप्टी कलेक्टर अरविंद शर्मा की टीम भी शामिल रही। कार्रवाई के दौरान मौके से कुल 7 जेसीबी, 11 हाईवा और 1 ट्रैक्टर जब्त किया गया है। सभी वाहन खनिज सामग्री से लदे हुए थे। पुलिस के पहुंचते ही अवैध खनन में शामिल कई चालक और मजदूर वहां से भाग खड़े हुए, लेकिन कुछ को मौके पर ही दबोच लिया गया।

हालांकि, पकड़े गए ड्राइवरों को प्राथमिक पूछताछ और कागजी कार्रवाई के बाद छोड़ दिया गया। अब इस मामले में आगे की जांच NRDA की औपचारिक शिकायत के आधार पर की जाएगी। ASP विवेक शुक्ला ने स्पष्ट किया कि बिना किसी वैध परमिट और अनुमति के की गई खनन गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस पूरे घटनाक्रम से यह बात सामने आती है कि नवा रायपुर जैसे सुनियोजित और विकसित क्षेत्र में भी अवैध खनन का जाल फैला हुआ है। न सिर्फ यह मुरूम खनन अवैध रूप से की जा रही थी, बल्कि इससे शासन को भी बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हो रहा था। ऐसे कृत्य न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से नुकसानदायक हैं, बल्कि यह कानून और व्यवस्था के लिए भी गंभीर चुनौती हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की गतिविधियों के पीछे एक पूरा संगठित गिरोह सक्रिय हो सकता है, जो सुनसान और सरकारी जमीनों को निशाना बनाकर खनिज चोरी कर रहा है। इसमें स्थानीय तत्वों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में NRDA और पुलिस को मिलकर इस तरह की घटनाओं पर लगातार निगरानी और कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

पुलिस की इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि प्रशासन अब इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ पूरी सतर्कता से काम कर रहा है। भविष्य में इस तरह की अवैध खनन को रोकने के लिए NRDA को अपने क्षेत्रों की निगरानी और सख्ती बढ़ानी होगी, ताकि न केवल सरकारी संपत्ति की रक्षा की जा सके, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी कायम रखा जा सके।


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