रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर के बेटे शोएब ढेबर एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। बुधवार, 6 अगस्त 2025 को रायपुर स्थित केंद्रीय जेल में शोएब ढेबर द्वारा नियमों का उल्लंघन करते हुए बिना अनुमति मुलाकात कक्ष में जबरन घुसने का मामला सामने आया है। जेल प्रशासन ने पहले उन्हें तीन महीने के लिए जेल में किसी से भी मुलाकात करने पर प्रतिबंधित किया और फिर गंज थाने में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है।
जेल के नियमों की अवहेलना
जेल अधीक्षक की रिपोर्ट के अनुसार, शोएब ढेबर ने अधिवक्ता से मिलने के समय निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया। अधिकारियों द्वारा रोके जाने के बावजूद उन्होंने जबरन मुलाकात कक्ष में प्रवेश किया। इस कृत्य से न केवल जेल की सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई, बल्कि संचालन व्यवस्था में भी बाधा उत्पन्न हुई। जेल प्रशासन ने कड़े कदम उठाते हुए अगले तीन महीनों के लिए शोएब की सभी प्रकार की मुलाकातों पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है।
पुराना विवादित इतिहास फिर चर्चा में
शोएब ढेबर का नाम इससे पहले भी कई विवादों में सामने आता रहा है। लगभग 10 महीने पूर्व, 28 मई 2024 को रायपुर में एक युवती ने शोएब पर साइबर स्टॉकिंग का आरोप लगाया था। इस प्रकरण में उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण किया था। इस मामले में उनके पिता अनवर ढेबर को भी पुलिस ने आरोपी बनाया था।
व्यापारी से मारपीट का मामला
इससे लगभग एक साल पहले, रायपुर के एक प्रतिष्ठित क्लब के बाहर पार्किंग विवाद के दौरान शोएब ढेबर ने एक व्यापारी को थप्पड़ जड़ दिया था। घटना के बाद पीड़ित व्यापारी की शिकायत पर तेलीबांधा थाने में FIR दर्ज हुई थी और पुलिस ने शोएब को गिरफ्तार किया था।
फायरिंग और मारपीट की घटना
चार वर्ष पूर्व रायपुर के एक निजी क्लब में शोएब ढेबर और उनके साथियों पर मारपीट और फायरिंग का आरोप लगा था। इस मामले में मंदिर हसौद थाने में शिकायत दर्ज की गई थी और पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था।
कोरोना काल में नियमों का उल्लंघन
कोविड महामारी के दौरान भी शोएब चर्चा में रहे थे। उस समय बिना मास्क के सार्वजनिक स्थान पर घूमते हुए उन्हें रोका गया था। रोकने पर उन्होंने पुलिसकर्मियों से बहस की और इसका वीडियो सामने आने के बाद चालानी कार्रवाई की गई थी।
लगातार विवादों में क्यों?
शोएब ढेबर का नाम बार-बार कानून तोड़ने, अनुशासनहीनता और आक्रामक व्यवहार के आरोपों के साथ जुड़ता रहा है। चाहे वह सार्वजनिक स्थानों पर विवाद हो या जेल जैसी गंभीर जगह पर अनुशासन तोड़ने की कोशिश, शोएब का रवैया अक्सर कानून व्यवस्था को चुनौती देने जैसा प्रतीत होता है। अब देखना यह होगा कि इस ताजा मामले में आगे क्या कानूनी कार्रवाई होती है और न्यायिक प्रक्रिया क्या रुख अपनाती है।